Tuesday, July 13, 2021

आज मुक्त हुआ सागर रेलवे स्टेशन अंग्रेजों की गुलामी से - डॉ. सुश्री शरद सिंह

🎉एक ख़ुशख़बरी... एक जीत...🎉
मित्रो, अंततः सागर रेलवे स्टेशन के नाम की स्पेलिंग SAUGOR के बदले SAGAR कर दी गई। मैंने 26 दिसम्बर 2018 अपने "चर्चा प्लस" कॉलम। में "सागर दिनकर" में इस संबंध में पहली बार लिखित आवाज उठाई थी। इसके बाद  अनेक मंचों एवं लेखों के माध्यम से मैंने यह मांग ज़ारी रखी। भाई रघु ठाकुर ने भी इस संबंध में पत्राचार किया था। अंततः सभी के समर्थन एवं राजनीतिक पहलक़दमी से अब वह मांग पूरी हुई। हुर्रे !! 🙋🎉🙋🎉🙋🎉🙋
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आज मुक्त हुआ सागर रेलवे स्टेशन अंग्रेजों की गुलामी से - डॉ. सुश्री शरद सिंह

अंग्रेजों के जमाने से सागर जिले के नाम की स्पेलिंग को लेकर अब तक चल रहा भ्रम दूर करने के लिए जिला योजना समिति की बैठक में सहमति बन गई है। बैठक में सागर रेलवे स्टेशन का नाम अब सागौर के नाम से सागर करने पर प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने सहमति दी है। इसके बाद यह प्रस्ताव भोपाल मंत्रालय भेजा जाएगा और यहां अन्य कागजी कार्रवाई होने के बाद नाम बदलने का निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद अब सागर जिले में आने लोगों को ट्रेन सर्च करने और टिकिट लेने में काफी राहत मिलने जा रही है। 
उल्लेखनीय है कि  "सागर दिनकर" में प्रकाशित होने वाले अपने बहुचर्चित कॉलम "चर्चा प्लस" में 26 सितम्बर 2018 को सागर रेलवेस्टेशन के नाम की स्पेलिंग सुधारे जाने की पहली बार ज़ोरदार आवाज़ उठाई थी। आज सागर रेलवेस्टेशन के नाम बदलने को ले कर डॉ (सुश्री) शरद सिंह का कहना है कि "जनहित में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है। पहली बार 2018 में मैंने सागर दिनकर के अपने कॉलम में इस बारे में आवाज़ उठाई थी। इसके बाद  अनेक मंचों एवं लेखों के माध्यम से मैंने यह मांग ज़ारी रखी। भाई रघु ठाकुर ने भी इस संबंध में पत्राचार किया था। अंततः सभी के समर्थन एवं राजनीतिक पहलक़दमी से अब वह मांग पूरी हुई। आज मुझे महसूस हो रहा है कि सागर रेलवेस्टेशन आज अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हो गया है और उसे अपना सही नाम मिल गया है। "
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